About BMUS
बिहार महिला उद्योग संघ का परिचय
बिहार महिला उद्योग संघ महिलाओं लड़कियों के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु 1995 से सतत कार्यरत है ।
मुख्य उद्देश्य : उद्यमियों की पहचान – उनके द्वारा उत्पादित उत्पादों को राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय बाज़ार उपलब्ध करवाना ।
कार्यान्वन : 1995 से साल में दो बार उद्योग मेलों का आयोजन – यह कार्यक्रम काफी सफल रहा । बड़ी संख्या में उद्यमिता साथ ही उद्यमी आगे आए ।
परिणाम : संघ की स्थापना के पहले जिन उद्यमी की बिक्री नहीं के बराबर थी आज लाखों का वार्षिक टर्नओवर है – जैसे विनायक भोग लड्डू, अथक सत्तू , अक्षत नमकीन आदि अनेकों उदाहरण हैं ।
संघ का विजन और मिशन : कुटीर – घरेलू उद्योगों का जाल गाँव के घर घर तक फैलाना, कमजोर तबके की बहनो को रोजगार से जोड़ना । आज लगभग दस हज़ार ग्रामीण बहनों को राजगर मिल रहा है।
विलुप्त होते बिहारी हेंडीक्राफ्ट , मिथिला पेंटिंग, एप्लीक , टिकुली क्राफ्ट, सूजनी वर्क, आदि की पहचान साथ ही बाज़ार ।
The main objective of the Sangh is to bring all the Women entrepreneurs of Bihar under one roof for the gainful utilization of their skills.
- To identify women entrepreneurs and motivate them.
- To help them become socially and economically independent and to generate a sense of confidence in them.
- To promote Rural and Cottage Industries in Bihar.
- To inspire students and women of weaker section of the society to bring them above poverty line.
- To arrange practical training for skill up gradation.
- To assist members of the sangh to get loans from Bank and other financial institutions on easy terms.
Workshops and Seminars
The Sangh time to time organises several workshops and seminars to train the women entrepreneurs for skill upgradation and to get entry into new avenues for self employment.
Revival of old crafts of Bihar
The Sangh has given recognition and market to the old handicrafts of Bihar, which are almost forgotten. Now the entrepreneurs of the Sangh are working hard to revive these crafts like Tikuli work, Applique Work. Madhubani Painting, Hand Embroidery etc.